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Saturday, March 1, 2014

जाट कौम को क्या हो गया??

पता नही भाई जाट कौम को क्या हो गया?? कंहा भटक गयी है ये कौम?? कंहा गयी जाटोँ की वो धमक जिससे सरकारेँ हिल जाया करती थी?? कडै गया वो जोश, जो दूसरोँ के होश खो दिया करै था?? 
अरै जाट भाईयोँ कम से कम अपने मुद्दोँ के प्रति तो जागरुक हो जाओ।कम तै कम अपने साथ व अपनी कौम के साथ तो अन्याय ना होवण दो।
दो तीन दिन पहलै सुप्रीम कॉर्ट नै कहा कि हम मदरसोँ के फतवोँ पर रोक नहीँ लगा सकते। अगर इस कोर्ट तै को बुझ्झै कि यू म्हारी खाप नैँ कंगारू कोर्ट, तालिबानी क्यूंकर बतावै।
इसका सूधा सा जवाब है कि जाटोँ मेँ अपनी कौम के लिए प्यार नी है। वर्ना किसमैँ हिम्मत थी जो 7-8 राज्योँ मेँ बसे जाटोँ की संस्कृति , सभ्यता पर ऐसी टिप्पणी कर सकेँ। पर करे क्या म्हारे जाट नेताओँ के पास आरक्षण के सिवाय कोई और मुद्दा कोन्या।
पिछले साल मुरादाबाद मेँ एक गुर्जर लड़की की हत्या हो गयी थी गुर्जरोँ नेँ जगह जगह सड़क जाम कर दी, गुर्जर नेताओँ नेँ संसद मैँ भी CBI जांच की मांग की, और उनकी बात मानी गयी।
पर उन्हीँ दिनोँ मुंबई मेँ प्रीती राठी नाम की एक जाट लड़की के ऊपर तेजाब डालकर मार दिया गया। पर किसी भी जाट नेँ उसके लिए इंसाफ की मांग नहीँ की, और जाट नेताओँ की तो बात ही छोड दो।
ऐसा ही मुद्दा कैप्टन सौरभ कालिया का है। आखिर कब मिलेगा इस शहीद को इंसाफ?? मैँ अपने जाट भाईयोँ से पूछता हूँ कि वे इतने क्यूँ भटक गये है?? क्यूँ अपने जाट नेताओँ पर कंट्रोल नहीँ है? आखिर कब तक जाट कौम को ये नकली नेता पागल बनाते रहेंगे??
अब तो जाग जाओँ, और दिखा दो इन सरकारोँ को, इन अदालतोँ को, कि इनकी जाट विरोधी नीति अब नहीँ चलेगी।
चौधरी अभिषेक लाकड़ा