Friday, November 8, 2013

एक भगत सिंह काफी थे संसद को हिलाने के लिए - POEM

एक भगत सिंह काफी थे संसद को हिलाने के लिए, 
एक चंद्रशेखर आज़ाद काफी थे अंग्रेजों को डराने के लिए, 
कौन था गाँधी कौन था नेहरु मैं नहीँ जानता, 
एक सुभाष चन्द्र बोस बहुत थे कहर ढाने के लिए, 
सरदार पटेल की कुर्बानी कहाँ गयी, 
कहाँ गया राजेंद्र प्रसाद जी का अस्तित्व, 
हर देशभक्त इंसान की हुंकार बहुत है, 
इन अपराधियों को छठी का दूध याद दिलाने के लिए. 
जय भगत सिंह...... जय जाट .....
Chaudhary Virpal Singh Jat