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Saturday, February 8, 2014

आज़म खान के बयान पर मेरे विचार

कुछ दिन पहले कुछ जाट पेज परलिखा गया कि आजम खान ने जाटोँ के बारे मेँ कहा कि 
"मुस्लिमोँ को जिँदा जलाने वाली ये कौम बहुत निर्दयी है इससे बच कर रहना चाहिए"
इस पर बहुत से जाट खुश हो गये मानोँ आजम खान ने जाटो की प्रसंशा करदी हो। पर दोस्तोँ ये प्रसंशा नहीँ है, ये अपमान है। इतिहास गवाह है जाटोँ ने कभी किसी पर अत्याचार नहीँ किया।कभी किसी निर्दोष को नहीँ सताया। कभी दूसरेधर्मोँ का अपमान नहीँ किया। JAT मतलब JUSTICE (न्याय) ,ACTION (कार्यवाही), TRUTH(सत्य) अर्थात् जिसमेँ ये गुण हो वो जाट है। पर कुछ जाट भाई निर्दोष लोगोँ पर अत्याचार करके भी खुशहो रहे है जो एक सच्चा जाट तो नहीँ कर सकता।मुजफ्फरनगर मेँ जिन मुस्लिमोँ पर अत्याचार किया गया वो मुस्लिम हमारे सेवक थे कोई हमारे बाल काटने वाला नाई था, कोई हमारे फावड़े, खुरपे, दराती बनाने वाला लुहार था, कोई मजदूरी करने वाला शेख था, कोई कपड़े धोनेवाला धोबी था, कोईसोड़-बिछौने बनाने वाला तेली था, कोई बढ़ई था, जो भी थे लगभग सब जाटोँ के, किसानोँ के सेवक थे। पर फिर भी कुछ धर्मांध जाटोँ ने उन पर अत्याचार किया जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। अपने सेवक पर एक सच्चा जाट कभी अत्याचार नहीँ कर सकता और ना ही होने देगा। और ये भी हकीकत है कि जाट ही उनको वापस लेकर भी आये जो जाटोँ केविशाल हृदय को दर्शाता है। जिसकी पूरी दुनिया मेँ चर्चा हुई। वास्तव मेँ जाट बोहत ही दयालु होता है। तभी जाटोँ को देवता भी कहा जाता है।राजनीतिक पार्टियाँ जिन्होँने जाटोँ को भड़काकर हमारी भावनाओँ का, हमारी ताकत का दुरुपयोग किया उनको जाट जल्द ही सबक सिखायेँगेँ। 
जय जाट देवता
चौधरी अभिषेक लाकड़ा