वर्ष 1941 में चैधरी साहब शेखावटी के मंडावा कस्बे में आए हुए थे। जागीरदार की हवेली के सामने से किसानों के साथ जा रहे थे। तभी सभी किसानों ने अपनी जुतियां पैरों से निकालकर हाथों में ले ली। चै0 छोटुराम के पूछने पर बताया कि यदि ऐसा नहीं करेंगें तो जागीरदार के लठैत हमें मार देगें। तब पूरी भीड़ में चैधरी साहब ने जागीरदार को ललकारा और कहा कि आज ये जुतियां मै मेरे किसान भाईयों को पहना कर जा रहा हूॅं अगर किसी ने छटी का दूध पिया है और किसी की मां ने अजवायण खाई है तो आज के बाद इनके पैरों से जुतियां निकलवा कर दिखाए। तब से लेकर आजतक किसानों की जुतियां निकलवाने की हिम्मत किसी ने नही की। अतः किसान भाईयों ध्यान रखना आज जो जुतियां आपके पैरों में है ये दीनबन्धु सर छोटुराम जी की पहनाई हुई है
by-rakesh sangwan
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