उथल पुथल मचगी दुनिया माह ,
निर्धन लोग तबाह होगये
कोए चीज़ न सस्ती मिलती,
सबके उच्चे भा होगये
असली चीज़ न मिले टोही
, सब मा नकलीपन आग्या
बिना मिलावट चेंण पड़े ना
,सब का पापी मन होगया
दिन धोली ले तार आबरु ,
जिसके धोरे धनं होगया
निर्धन मरजा तड़प तड़प के,
इतना घोर बिघन होगया
इज्ज़तदार मरें भूखे ,
बदमाश लफंगे शाह होगे
बेरोजगारी की हद होगी,
पढ़े लिखे बेकार फिरें
धर्म के ठेकेदार बी ,
भुंडी ते भुंडी कार करें
कई जनया के कोठी बंगले ,
लाइन लाग रही कारां की
सडरक पे पड़े कई ,
लाठी बाज रही चौकिदारा की
खाली जून टल्ले भूख्या की ,
निर्धन लोग बेचारायाँ की उथल पुथल मचगी दुनिया माह ,
निर्धन लोग तबाह होगये !!
निर्धन लोग तबाह होगये
कोए चीज़ न सस्ती मिलती,
सबके उच्चे भा होगये
असली चीज़ न मिले टोही
, सब मा नकलीपन आग्या
बिना मिलावट चेंण पड़े ना
,सब का पापी मन होगया
दिन धोली ले तार आबरु ,
जिसके धोरे धनं होगया
निर्धन मरजा तड़प तड़प के,
इतना घोर बिघन होगया
इज्ज़तदार मरें भूखे ,
बदमाश लफंगे शाह होगे
बेरोजगारी की हद होगी,
पढ़े लिखे बेकार फिरें
धर्म के ठेकेदार बी ,
भुंडी ते भुंडी कार करें
कई जनया के कोठी बंगले ,
लाइन लाग रही कारां की
सडरक पे पड़े कई ,
लाठी बाज रही चौकिदारा की
खाली जून टल्ले भूख्या की ,
निर्धन लोग बेचारायाँ की उथल पुथल मचगी दुनिया माह ,
निर्धन लोग तबाह होगये !!