कड्यै गऐ बचपन के मित्र.
पाटी कच्छी टुटे लित्र.
मैस्सयां गेल्यां गऐ जोहड पै
काडी कच्छी बडगे भित्तर
माचिस के तांश बणाया करदे
नदी पै खेलण जाया करदे
घर तै लुकमा बेच कै दाणे
खा गे खुरमे खिल्ल मखाणे
मिस्री तै मिठे होया करदे
खिल्लां तै फ़िक्के होगे
वँ यार पुराणे रै
बेरा ना कित्त खोगे
बेरा ना कित्त खोगे
पकड लिये फेर स्कूल के रस्ते
हाथ मै तख्ती कांथ बस्ते
गरमी गई फेर आ गया पाला
एक दिन नहा लिऐ एक दिन टाला
पैंट ओर बुरसट मिलगी ताजी
एक दो दिन गए राजी राजी
हाथ जोड फेर रोवण लागे
आज आज घर पै रहण दैयो मां जी
आखयां मै आंसु आए ना
हाम्म थुक लगा कै रोगे
वँ यार पुराणे रै बेरा ना कित्त खो गे
बेरा ना कित्त खो गे
कालज मै फेर होग्या अडमिस्न
बाहर जाण की थी परमिस्न
रोडवेज मै जाया करदे
नकली पास कटाया करदे
बीस रपुली करकै कट्ठी
ले लिया करदे चा ओर मठी
स्पलैंडर पै मारे गेडे
सैट करली थी दो दो पट्ठी
मास्टर पाठ पठाया करदा
आंख मिच कै सोगे
वँ यार पुराणे रै बेरा ना कित्त खौ गे
बेरा ना कित्त खो गे
वक्त गेल गऐ बदल नजारे
बिखर गऐ सब न्यारे न्यारे
घरां पडया कोए करै नोकरी
घरक्यां नै करी पस्नद छोकरी
शादी करली बणगे पापा
कापी छोडी लिया लफाफा
रोऐ जा सै दिल मरज्याणा
भुल गऐ क्यु टैम पुराणा
"Karam Dhull" याद करै
क्यु बीज बिघन के बो गो
वँ यार पुराणे रै
बेरा ना कित्त खो गे
बेरा ना कित्त खौ
पाटी कच्छी टुटे लित्र.
मैस्सयां गेल्यां गऐ जोहड पै
काडी कच्छी बडगे भित्तर
माचिस के तांश बणाया करदे
नदी पै खेलण जाया करदे
घर तै लुकमा बेच कै दाणे
खा गे खुरमे खिल्ल मखाणे
मिस्री तै मिठे होया करदे
खिल्लां तै फ़िक्के होगे
वँ यार पुराणे रै
बेरा ना कित्त खोगे
बेरा ना कित्त खोगे
पकड लिये फेर स्कूल के रस्ते
हाथ मै तख्ती कांथ बस्ते
गरमी गई फेर आ गया पाला
एक दिन नहा लिऐ एक दिन टाला
पैंट ओर बुरसट मिलगी ताजी
एक दो दिन गए राजी राजी
हाथ जोड फेर रोवण लागे
आज आज घर पै रहण दैयो मां जी
आखयां मै आंसु आए ना
हाम्म थुक लगा कै रोगे
वँ यार पुराणे रै बेरा ना कित्त खो गे
बेरा ना कित्त खो गे
कालज मै फेर होग्या अडमिस्न
बाहर जाण की थी परमिस्न
रोडवेज मै जाया करदे
नकली पास कटाया करदे
बीस रपुली करकै कट्ठी
ले लिया करदे चा ओर मठी
स्पलैंडर पै मारे गेडे
सैट करली थी दो दो पट्ठी
मास्टर पाठ पठाया करदा
आंख मिच कै सोगे
वँ यार पुराणे रै बेरा ना कित्त खौ गे
बेरा ना कित्त खो गे
वक्त गेल गऐ बदल नजारे
बिखर गऐ सब न्यारे न्यारे
घरां पडया कोए करै नोकरी
घरक्यां नै करी पस्नद छोकरी
शादी करली बणगे पापा
कापी छोडी लिया लफाफा
रोऐ जा सै दिल मरज्याणा
भुल गऐ क्यु टैम पुराणा
"Karam Dhull" याद करै
क्यु बीज बिघन के बो गो
वँ यार पुराणे रै
बेरा ना कित्त खो गे
बेरा ना कित्त खौ