थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
नो महीने तू रहा कोख में मन्ने बोझा भी न ठाया था
सारा कुनबा ख़ुशी मनावे जब तू घरने आया था
तेरी दादी ने बजाई थाली सारा गाम जगाया था
गीत बाकली छटी पे तेरे कुवे पे ढोल बजाया था
बगाया था तेरी उम्र की खातिर उड़े मुट्ठी भर कै नाज मने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
सारी सारी रात जाग के मैं तन्ने सुवाया करती थी
जब तू भूखा होके रोया छाति के लाया करती थी
तेरी मीठी मीठी सुन के बोली मैं खुश हो जाया करती थी
दोनु हाथ पकड़ के तेरे मैं तने चलाया करती थी
तेरी गैला जाया करती थी लिया गोदी के महा भाज मने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
जब तू पढ़न जाया करता मन्ने नूहा धुहा कै तयार करा
तेरे काम का एक एक सोदा संघवा संघवा कै मन्ने धरा
हे माँ हे माँ कह रुक्के मारे ना मेरे बिना भी तन्ने सरा
तेरे दुःख मैं रोई और सुख मैं हसी जी ते ज्यादा प्यार करा
कोण सा वो अपराध करा जो भुंडी लागी आज तने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
पढ़ लिख कै तू लगा नौकरी प्रसाद बात कै आई थी
रिश्ते आले चक्कर काटे तेरी करदी ब्याह सगाई थी
सारा गाम जिमाया हमने जब नयी भोडिया आई थी
तेरे छोरे नै ले हांडा करती तेरी छोरी मन्ने खिलाई थी
एक एक बात बताई थी दिया सारा घर का राज मने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
आया बुढ़ापा सब करतब हारे इब चला भी न जावे सै
न्यारी खाट बिछादी मेरी कोई धोरे भी ना आवे सै
उलटे सीधे तेरे बालक बोले तेरी बहु मन्ने धमकावे सै
जब जब तू भी छो मै बोल्या मेरा लिकड़ कालजा जावे सै
मरी मरी भी बोल पडूँगी दिए इन्द्रजीत आवाज़ मने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मनेदो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
नो महीने तू रहा कोख में मन्ने बोझा भी न ठाया था
सारा कुनबा ख़ुशी मनावे जब तू घरने आया था
तेरी दादी ने बजाई थाली सारा गाम जगाया था
गीत बाकली छटी पे तेरे कुवे पे ढोल बजाया था
बगाया था तेरी उम्र की खातिर उड़े मुट्ठी भर कै नाज मने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
सारी सारी रात जाग के मैं तन्ने सुवाया करती थी
जब तू भूखा होके रोया छाति के लाया करती थी
तेरी मीठी मीठी सुन के बोली मैं खुश हो जाया करती थी
दोनु हाथ पकड़ के तेरे मैं तने चलाया करती थी
तेरी गैला जाया करती थी लिया गोदी के महा भाज मने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
जब तू पढ़न जाया करता मन्ने नूहा धुहा कै तयार करा
तेरे काम का एक एक सोदा संघवा संघवा कै मन्ने धरा
हे माँ हे माँ कह रुक्के मारे ना मेरे बिना भी तन्ने सरा
तेरे दुःख मैं रोई और सुख मैं हसी जी ते ज्यादा प्यार करा
कोण सा वो अपराध करा जो भुंडी लागी आज तने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
पढ़ लिख कै तू लगा नौकरी प्रसाद बात कै आई थी
रिश्ते आले चक्कर काटे तेरी करदी ब्याह सगाई थी
सारा गाम जिमाया हमने जब नयी भोडिया आई थी
तेरे छोरे नै ले हांडा करती तेरी छोरी मन्ने खिलाई थी
एक एक बात बताई थी दिया सारा घर का राज मने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मने
दो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने
आया बुढ़ापा सब करतब हारे इब चला भी न जावे सै
न्यारी खाट बिछादी मेरी कोई धोरे भी ना आवे सै
उलटे सीधे तेरे बालक बोले तेरी बहु मन्ने धमकावे सै
जब जब तू भी छो मै बोल्या मेरा लिकड़ कालजा जावे सै
मरी मरी भी बोल पडूँगी दिए इन्द्रजीत आवाज़ मने
थोड़े से दिन बाकी रहगे मत बिसरावे आज मनेदो सब्द प्यार के बोल दिया कर न चाहिए घर का राज मने